Friday 24 July 2015

हर लम्हें मुझे याद है

जो बातें हुई वो मुझे याद है,
हर वक्त हर मुलाकात मुझे याद है ।।


कहते हैं लोग क्यों रोते हो उन यादों को संजोए,
हम क्या बताएं ऊन्हे की इन लमहों में छिपे  कैसे जज़्बात हैं ।
हर लम्हें मुझे याद है।।

कल थी प्यार की बातें तो आज नफरत का दौर,
अब हैं सिर्फ यादें कल की बात थी कुछ और ।
हर लम्हें मुझे याद है।।

वो लम्हें जो हमने साथ बिताए,
वो शामें जो ऊन्हें याद किया,
हर पल हर  वक्त मुझे याद है ।
वो  भी मुझे याद है ।
उनका प्यार भी मुझे याद है ।
हर लम्हें मुझे याद है ।।

हम चाहें न चाहें जुड़े हुए कई जज़्बात हैं ।
हर लम्हें मुझे याद है ।।

ज़िंदगी बढ़ेगी वक्त भी बढ़ेगा,
पर किसी से न कहेंगे की तू मुझे याद है ।
किसी से न कहेंगे हर वक्त हर मुलाकात मुझे याद है ।।
किसी से न कहेंगे हर लम्हें मुझे याद है ।।